प्रश्नोत्तर | पधारो म्हारे देस | लेखक – अनुपम मिश्र | कक्षा 9 | पाठ- 8 |बिहार बोर्ड | हिन्दी |


पाठ – पधारो म्हारे देस सारांश

लेखक – अनुपम मिश्र
पुस्तक – गोधूलि भाग 1

🌾सारांश (Summary in Easy Hindi):

यह पाठ लेखक अनुपम मिश्र की राजस्थान यात्रा का विवरण है। लेखक राजस्थान के गाँवों, लोगों और वहाँ की जल संरक्षण परंपराओं के बारे में बताते हैं।

राजस्थान एक सूखा और रेतीला प्रदेश है, जहाँ वर्षा बहुत कम होती है। लेकिन इसके बावजूद वहाँ के लोग सदियों से पानी बचाने और संग्रह करने के अनोखे और पारंपरिक तरीके अपनाते आ रहे हैं। लेखक बताते हैं कि कैसे लोग तालाब, बावड़ी, कुंड और जोहड़ जैसे जल-स्रोतों को बनाकर और उन्हें साफ-सुथरा रखकर संकट के समय पानी का उपयोग करते हैं।

लेखक को यह देखकर आश्चर्य होता है कि कम बारिश वाले क्षेत्र में भी लोग पानी की बूँद-बूँद को सँजो कर रखते हैं, जबकि बड़े शहरों में पानी की इतनी बर्बादी होती है।

इस यात्रा-वृत्तांत में लेखक ने राजस्थान के लोगों की जीवनशैली, उनकी सादगी, मेहनत और प्रकृति के साथ सामंजस्य को बहुत सुंदर और भावनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है।


मुख्य बातें:

  • राजस्थान में पानी की कमी होने पर भी लोग पानी बचाने की पारंपरिक कला जानते हैं।
  • लेखक ने जल-संरक्षण की सदियों पुरानी तकनीकों को देखा और सराहा।
  • यह पाठ प्रकृति से मेल-जोल और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग की सीख देता है।
  • हमें भी अपने जीवन में जल बचाने और बर्बादी रोकने की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्नोत्तर – Class 9 Hindi Chapter “पधारो म्हारे देस” | पाठ- 7 | बिहार बोर्ड | हिन्दी |

पाठ के साथ :-

1. ‘हाकड़ो’ राजस्थानी समाज के हृदय में आज भी क्यों रचा बसा है?

उत्तर: ‘हाकड़ो’ एक प्राचीन जलस्रोत है जिसे लोगों ने मिलकर बनाया था। यह न केवल पानी का स्रोत था, बल्कि समाज की एकता, परिश्रम और सहयोग का प्रतीक भी बन गया। इसलिए वह आज भी लोगों के हृदय में बसा हुआ है।

2. ‘हेल’ नाम समुद्र के साथ-साथ अन्य कौन-कौन से अर्थों को दर्शाता है?

उत्तर: ‘हेल’ शब्द समुद्र के अलावा प्रेम, अनुराग, आमंत्रण, लहर, ध्वनि, पुकार, सागर जैसी अनेक भावनाओं और स्थितियों को दर्शाता है।

3. किस रेगिस्तान का वर्णन कलेजा सुखा देता है?

उत्तर: थार के रेगिस्तान का वर्णन इतना भीषण और सूखा है कि उसे पढ़कर या सुनकर मनुष्य का कलेजा तक सूख जाता है।

4. भूगोल की किताबें किनको ‘अत्यंत कंजूस महाजन’ की तरह देखती हैं और क्यों?

उत्तर: भूगोल की किताबें वर्षा को ‘अत्यंत कंजूस महाजन’ की तरह देखती हैं क्योंकि राजस्थान में वर्षा बहुत कम और अनियमित होती है, जैसे कोई कंजूस महाजन बहुत कम पैसा देता है।

5. राजस्थानी समाज ने प्रकृति से मिलने वाले इतने कम पानी का रोना क्यों नहीं रोया?

उत्तर: राजस्थानी समाज ने पानी की कमी का रोना नहीं रोया, बल्कि उसने बुद्धिमानी से काम लेते हुए जल-संरक्षण के उपाय अपनाए, जैसे – तालाब, जोहड़, बावड़ी आदि बनाकर वर्षा जल को बचाया।

6. “यह राजस्थान के मन की उदारता ही है कि विशाल मरुभूमि में रहते हुए भी उसके कंठ में समुद्र के इतने नाम मिलते हैं?” इस कथन का क्या अभिप्राय है?

उत्तर: इसका अर्थ है कि राजस्थान में समुद्र नहीं है, फिर भी वहाँ के लोग समुद्र से जुड़े शब्दों को अपने जीवन में सम्मान के साथ इस्तेमाल करते हैं। यह उनकी कल्पना-शक्ति, भावनात्मक समृद्धि और मन की उदारता को दर्शाता है।

7. जल संग्रह कैसे करना चाहिए?

उत्तर: जल संग्रह सावधानी और समझदारी से करना चाहिए। वर्षा जल को रोककर उसे तालाब, कुंड, बावड़ी और जोहड़ जैसे पारंपरिक तरीकों से संग्रहित करना चाहिए ताकि उसका उपयोग सूखे समय में किया जा सके।

8. त्रिकूट पर्वत कहाँ है?

उत्तर: त्रिकूट पर्वत राजस्थान के जैसलमेर क्षेत्र में स्थित है। इसके नीचे एक प्रसिद्ध बावड़ी है।

9. ‘धरती धोरा री’ किसे कहा गया है और क्यों?

उत्तर: ‘धरती धोरा री’ का अर्थ है ‘रेत के टीलों वाली धरती’। राजस्थान को ‘धरती धोरा री’ कहा गया है क्योंकि वहाँ चारों ओर रेत के टीले (धोरे) दिखाई देते हैं।

10. मरुनायकजी कहकर किसे पुकारा गया है? उनकी भूमिका स्पष्ट करें।

उत्तर: ‘मरुनायकजी’ राजस्थान की जनता द्वारा उन परंपरागत जल-संरक्षक व्यक्तियों को कहा गया है जिन्होंने मरुस्थल में जल का प्रबंधन किया और समाज के हित में कार्य किए। उन्होंने जल-संरक्षण की परंपराएं शुरू कीं।

11. राजस्थान में वर्षा का क्या स्वरूप है?

उत्तर: राजस्थान में वर्षा बहुत कम और अनियमित होती है। कभी-कभी कई सालों तक बारिश नहीं होती। यह वहाँ के जीवन का एक कठिन सत्य है।

12. ‘रीति’ के लिए राजस्थान में ‘वोज’ शब्द है। यह क्या-क्या अर्थ रखता है?

उत्तर: ‘वोज’ शब्द रीति, परंपरा, समाज की रचना और अनुशासन को दर्शाता है। यह जीवन के नियम, संयम और व्यवस्था का प्रतीक है।

13. लेखक ने ‘जसढोल’ शब्द का किस अर्थ में प्रयोग किया है और क्यों?

उत्तर: लेखक ने ‘जसढोल’ शब्द का प्रयोग उस तालाब के लिए किया है जिसे समाज ने मिलकर बनाया और वर्षों तक उसे संभाला। यह शब्द समाज की एकता, परिश्रम और सुंदर व्यवस्था का प्रतीक बन गया है।

14. इस फीचर को पढ़कर आपको क्या शिक्षा मिली? आप अपने जीवन में इसका उपयोग कैसे करेंगे?

उत्तर: इस पाठ से हमें जल-संरक्षण, पर्यावरण के साथ संतुलन, परंपराओं का महत्व और समाज में सहयोग की भावना की शिक्षा मिलती है। हम भी जल बचाकर, परंपराओं को अपनाकर और प्रकृति से प्रेम करके इस शिक्षा का उपयोग अपने जीवन में कर सकते हैं।

15. लेखक क्यों ‘पधारो म्हारे देस’ कहते हैं?

उत्तर: लेखक ‘पधारो म्हारे देस’ कहकर पाठकों को राजस्थान आने का निमंत्रण देते हैं, ताकि वे वहाँ की संस्कृति, परंपरा, जल-संरक्षण प्रणाली और लोगों की जीवनशैली को देख सकें और उनसे कुछ सीख सकें।


पाठ के आस-पास :-

1. राजस्थान में जल संरक्षण के लिए कुंड, कुंडियों, तालाब, कुओं इत्यादि का उपयोग किया जाता है। आप अपने घरों में किस तरह जल का संरक्षण करना चाहेंगे?

उत्तर:
हम अपने घर में जल संरक्षण के लिए निम्न उपाय अपना सकते हैं:

  • नलों में रिसाव रोकना।
  • टूथब्रश करते समय नल बंद रखना।
  • वर्षा जल संग्रहण (Rainwater Harvesting) करना।
  • कपड़े व बर्तन धोते समय कम पानी का उपयोग करना।
  • बागवानी में पाइप की बजाय बाल्टी का प्रयोग करना।

2. जल संरक्षण के महत्त्व पर अपने विद्यालय में एक गोष्ठी करें।

उत्तर (सुझाव):
आप विद्यालय में एक गोष्ठी का आयोजन इस तरह कर सकते हैं:

  • विषय: जल संरक्षण का महत्त्व
  • मुख्य बिंदु:
    • जल संकट के कारण
    • पानी का विवेकपूर्ण उपयोग
    • परंपरागत जल संरक्षण विधियाँ (जैसे राजस्थान में)
    • वर्षा जल संचयन की तकनीक
  • निष्कर्ष: सभी छात्रों को जल बचाने की शपथ दिलाई जाए।

3. जल संरक्षण की नई तकनीक के बारे में अपने शिक्षक से चर्चा करें या जानकारी प्राप्त करें।

उत्तर (सुझाव):
आप शिक्षक से निम्नलिखित नई तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:

  • Rainwater Harvesting (वर्षा जल संचयन)
  • Drip Irrigation (टपक सिंचाई पद्धति)
  • Sprinkler Irrigation (फव्वारा सिंचाई)
  • Grey Water Recycling (रसोई व बाथरूम का पुनः उपयोग योग्य जल)
  • Smart Water Meters जो पानी की बर्बादी रोकते हैं।

4. पाठ में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े जिन स्थानों का उल्लेख हुआ है उन्हें मानचित्र पर दर्शाएँ। साथ ही त्रिकूट पर्वत कहाँ है? इसे भी दिखलाएँ।

उत्तर:
पाठ में जिन स्थानों का उल्लेख है, उन्हें भारत के मानचित्र पर इस प्रकार दर्शाया जा सकता है:

द्वारका – गुजरात में
मथुरा – उत्तर प्रदेश में
त्रिकूट पर्वत – राजस्थान के जैसलमेर जिले में

आप भारत के भौगोलिक मानचित्र में इन स्थानों को चिन्हित कर सकते हैं।

5. राजस्थान की मरुभूमि में एकमात्र बहने वाली नदी लूनी है। इसका प्रवाह क्षेत्र अपने शिक्षक से पूछें।

उत्तर (संक्षेप में):
लूनी नदी राजस्थान के अजमेर जिले के नाहन क्षेत्र से निकलती है और पश्चिम की ओर बहते हुए गुजरात की कच्छ की खाड़ी में जाकर सूख जाती है। यह थार मरुस्थल का प्रमुख जलस्रोत है। इसका प्रवाह क्षेत्र – अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और कच्छ (गुजरात) तक फैला हुआ है।
(अपने शिक्षक से प्राप्त करें)

6. डिंगल क्या है? इसकी जानकारी अपने शिक्षक से प्राप्त करें।

उत्तर (संक्षेप में):
डिंगल राजस्थान की एक प्राचीन काव्य-भाषा है, जिसमें वीर रस, भक्ति रस और ऐतिहासिक प्रसंगों पर आधारित कविताएँ लिखी जाती थीं। इसे मुख्यतः चारण कवियों द्वारा प्रयोग किया जाता था। यह भाषा आज भी राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में लोक गीतों और साहित्य में जीवित है।
(अपने शिक्षक से प्राप्त करें)


भाषा की बात :-

1. ‘समुद्र’ शब्द के पर्यायवाची बताएं।

उत्तर:

  • सागर
  • जलधि
  • नीरसिंधु
  • वारिधि
  • अब्धि
  • जलनिधि

2. निम्नलिखित शब्दों के विशेषण बताएँ और वाक्य में प्रयोग करें –

शब्दविशेषणवाक्य प्रयोग
जलमीठा जलराजस्थान में मीठा जल बहुत दुर्लभ होता है।
रेतसुनहरी रेतथार के रेगिस्तान में सुनहरी रेत फैली हुई है।
समुद्रविशाल समुद्रबच्चे समुद्र की विशाल लहरों को देखकर रोमांचित हो गए।
पुराणप्राचीन पुराणहमारे ग्रंथों में प्राचीन पुराणों का बड़ा योगदान है।
प्रकाशतेज प्रकाशसूर्य का तेज प्रकाश सुबह-सुबह ऊर्जा देता है।
स्थलरेतीला स्थलवह क्षेत्र एक रेतीला स्थल है।
परंपरागौरवशाली परंपराहमारे देश की गौरवशाली परंपरा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
समाजसंगठित समाजसंगठित समाज ही एक सशक्त राष्ट्र की नींव होता है।

3. दिए गए शब्दों के समानार्थी शब्द लिखें –

शब्दसमानार्थी शब्द (पर्यायवाची)
विराटविशाल, महाकाय, वृहद
प्राचीनपुरातन, पुराना, आदि कालीन
मरुभूमिरेगिस्तान, मरुस्थल
दृष्टिनिगाह, नजर, दृष्टिकोण
युगकाल, समय, युगचक्र
कलाविद्या, शिल्प, हुनर
जीवनज़िंदगी, जीवित अवस्था, प्राण

4. इस पाठ से राजस्थानी शब्दों को चुनें और उनका हिंदी पर्याय दें –

राजस्थानी शब्दहिंदी अर्थ
हाकड़ोजलाशय, तालाब
जसढोलतालाब का नाम / पवित्र जलस्रोत
हेलप्रेम भरी पुकार / अनुरोध
धोरारेत का टीला
वोजरीति, परंपरा
मरुनायकजीमरुस्थल के रक्षक / नेता

5. ‘वि’ उपसर्ग से पाँच शब्द बनाएँ –

उत्तर:

  1. विशेष
  2. विपरीत
  3. विघटन
  4. विकास
  5. विश्वास

6. निम्नलिखित शब्दों के संधि विच्छेद करें –

शब्दसंधि विच्छेद
संस्कृतसम् + कृत
नायकनय + अक
तथास्तुतत् + अस्तु

7. वाक्य प्रयोग द्वारा लिंग निर्णय करें –

शब्दवाक्य प्रयोगलिंग
लहरसमुद्र की लहरें तेज़ थीं।स्त्रीलिंग
देशहमारा देश महान है।पुल्लिंग
दृष्टिउसकी दृष्टि बहुत तेज़ है।स्त्रीलिंग
पलकवह एक पलक में ही चला गया।स्त्रीलिंग
दरियायह दरिया बहुत गहरा है।पुल्लिंग
नदीगंगा एक पवित्र नदी है।स्त्रीलिंग
मरुस्थलथार एक विशाल मरुस्थल है।पुल्लिंग
समाजहमारा समाज बदल रहा है।पुल्लिंग
धरतीधरती पर जीवन संभव है।स्त्रीलिंग
आकाशआकाश में बादल छाए हैं।पुल्लिंग
पानीपानी अनमोल होता है।पुल्लिंग

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