प्रश्नोत्तर | निबंध| लेखक – जगदीश नारायण चौबे| कक्षा 9 | पाठ- 10 |बिहार बोर्ड | हिन्दी |


पाठ  “निबंध का सारांश:

इस पाठ में लेखक निबंध को लेखक के व्यक्तित्व का प्रतिबिंब मानते हैं। उनके अनुसार, निबंध में लेखक अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को सरल और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है। निबंध लेखन में भाषा की शुद्धता, विचारों की स्पष्टता और तार्किक क्रम आवश्यक हैं। लेखक निबंध को बोझिल और नीरस बनाने वाले तत्वों से बचने की सलाह देते हैं, जैसे अनावश्यक विस्तार और जटिल भाषा का प्रयोग।

निबंध के प्रकार:

  1. भावात्मक निबंध: इनमें लेखक की भावनाओं और अनुभूतियों की प्रधानता होती है।
  2. विचारात्मक निबंध: इनमें किसी विषय पर गहन चिंतन और विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है।
  3. वर्णनात्मक निबंध: इनमें किसी स्थान, व्यक्ति या घटना का विस्तृत वर्णन होता है।

निबंध लेखन की प्रक्रिया:

एक सुगठित निबंध में तीन मुख्य भाग होते हैं: भूमिका, मुख्य भाग और निष्कर्ष। भूमिका में विषय का संक्षिप्त परिचय दिया जाता है, मुख्य भाग में विषय का विस्तृत विश्लेषण किया जाता है, और निष्कर्ष में मुख्य विचारों का सारांश प्रस्तुत किया जाता है।

भाषा और शैली:

लेखक के अनुसार, निबंध की भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण और विषय के अनुकूल होनी चाहिए। हिन्दी निबंध लेखन में उद्धरणों का प्रयोग करते समय पहले उनका हिंदी अनुवाद देना चाहिए, फिर मूल उद्धरण। उद्धरणों का चयन सावधानीपूर्वक करना चाहिए ताकि वे निबंध के विषय से संबंधित हों और उसे समृद्ध करें।

निबंध लेखन का महत्व:

निबंध लेखन का अभ्यास छात्रों को संक्षिप्त और प्रभावी लेखन की कला सिखाता है। यह उन्हें अपने विचारों को सुव्यवस्थित करना और उन्हें प्रभावी ढंग से व्यक्त करना सिखाता है। इससे छात्रों की रचनात्मकता और विश्लेषणात्मक क्षमता भी बढ़ती है।

इस प्रकार, यह अध्याय छात्रों को निबंध लेखन की मूलभूत समझ प्रदान करता है और उन्हें इस कला में निपुण बनाने में सहायक है।


कक्षा 9 हिंदी अध्याय 10 “निबंध” प्रश्न उत्तर :-

1. निबंध-लेखन का मूल उद्देश्य क्या है?

उत्तर:
निबंध-लेखन का मूल उद्देश्य लेखक के विचारों, भावनाओं और अनुभवों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करना होता है। इसके माध्यम से लेखक पाठकों के मन पर प्रभाव छोड़ता है और किसी विषय को सुंदर और रोचक शैली में प्रस्तुत करता है।

2. निबंध लेखन के समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है?

उत्तर:
निबंध लेखन के समय निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है:

  • विषय की स्पष्टता और गहराई से समझ।
  • भाषा की सरलता, प्रवाह और शुद्धता।
  • विषय से संबंधित तर्क और उदाहरणों का उचित प्रयोग।
  • अनावश्यक विस्तार से बचना।
  • भूमिका, मुख्य भाग और निष्कर्ष का संतुलन।

3. लेखक ने निबंध की क्या परिभाषा दी है?

उत्तर:
लेखक के अनुसार, निबंध लेखक के व्यक्तित्व की व्यंजना है। यह किसी भी विषय पर लेखक के विचारों की सजीव और आत्मीय प्रस्तुति होती है। निबंध, विचारों की भावात्मक और कलात्मक अभिव्यक्ति है।

4. निबंध लेखन में लेखक किस अत्याचार की बात करता है, जिससे हिंदी निबंध बोझिल, नीरस और ऊबाऊ हो जाता है?

उत्तर:
लेखक ने उद्धरणों के अत्यधिक और अनुपयुक्त प्रयोग को अत्याचार कहा है। इससे निबंध बोझिल, नीरस और ऊबाऊ बन जाता है। अनावश्यक उद्धरण निबंध की मौलिकता को भी कम करते हैं।

5. निबंध लेखन में हिंदीतर भाषाओं के उद्धरण में किस बात का ध्यान रखना आवश्यक होता है?

उत्तर:
हिंदीतर भाषाओं (जैसे – अंग्रेजी, संस्कृत आदि) के उद्धरणों का पहले हिंदी में अनुवाद देना चाहिए, फिर मूल उद्धरण प्रस्तुत करना चाहिए। इससे पाठक को उद्धरण का मर्म समझने में सुविधा होती है।

6. अच्छे निबंध के लिए क्या आवश्यक है? विस्तार से तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।

उत्तर:
एक अच्छे निबंध के लिए निम्नलिखित तत्व आवश्यक हैं:

  • विचारों की स्पष्टता: विषय पर गहन विचार और उसकी स्पष्ट अभिव्यक्ति।
  • भाषा की सरलता: भाषा न तो बहुत कठिन हो, न बहुत सामान्य।
  • भावात्मकता और कलात्मकता: निबंध में भावना और शैली का सुंदर समन्वय हो।
  • उचित संरचना: भूमिका, मुख्य भाग और निष्कर्ष का संतुलित विकास।
  • मौलिकता: विचारों और अभिव्यक्ति में मौलिकता हो।
  • प्रसंगानुकूल उद्धरण: उद्धरण केवल तभी उपयोग करें जब वे विषय को समृद्ध करें।

7. निबंध-लेखन की क्या प्रक्रिया बताई गई है? पाठ के आधार पर बताएँ।

उत्तर:
निबंध लेखन की प्रक्रिया में तीन मुख्य भाग होते हैं:

  1. भूमिका: विषय का परिचय दिया जाता है।
  2. मुख्य भाग: विषय का विस्तारपूर्वक विश्लेषण किया जाता है।
  3. निष्कर्ष: पूरे निबंध का सारांश और अंतिम विचार प्रस्तुत किए जाते हैं।

8. निबंध के कितने प्रकार होते हैं? भेदों के साथ उनकी परिभाषा भी दें।

उत्तर:
निबंध के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं:

  1. भावात्मक निबंध: जिसमें लेखक की भावना और कल्पना की प्रधानता होती है।
  2. विचारात्मक निबंध: जिसमें किसी विषय पर गंभीर चिंतन और तर्कपूर्ण विश्लेषण होता है।
  3. वर्णनात्मक निबंध: जिसमें किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान या घटना का विस्तृत वर्णन होता है।

9. निबंध-लेखन के अभ्यास से छात्र किन समस्याओं से निजात पा सकता है?

उत्तर:
निबंध-लेखन के अभ्यास से छात्र को विचारों को क्रमबद्ध ढंग से प्रस्तुत करने, भाषा पर पकड़ बढ़ाने, और लेखन में प्रवाह लाने में मदद मिलती है। इससे वह उत्तर-लेखन की हिचकिचाहट और विषय की अस्पष्टता से निजात पा सकता है।

10. निबंध-लेखन में कल्पना का क्या महत्त्व है?

उत्तर:
कल्पना निबंध को जीवंत, रोचक और प्रभावशाली बनाती है। यह विचारों में नवीनता लाती है और पाठक की रुचि बनाए रखती है। कल्पना से निबंध में भावात्मकता और कलात्मकता आती है।

11. आचार्य शुक्ल के निबंध किस कोटि में आते हैं और क्यों?

उत्तर:
आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध विचारात्मक कोटि में आते हैं। उनके निबंधों में गहन चिंतन, गंभीर विषयों पर तर्कपूर्ण विश्लेषण और भाषा की गंभीरता प्रमुख रूप से दिखाई देती है।

12. ललित निबंध की क्या विशेषता होती है?

उत्तर:
ललित निबंधों की भाषा भावपूर्ण, शैली रमणीय और विषयप्रस्तुति सुंदर होती है। इसमें लेखक की कल्पनाशीलता और संवेदनशीलता झलकती है। ये निबंध पाठकों को आनंद देते हैं।

13. निबंध को सुरुचिपूर्ण बनाने की दिशा में भाषा के महत्त्व पर प्रकाश डालें।उत्तर:
भाषा निबंध की आत्मा होती है। यदि भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण और भावपूर्ण हो तो निबंध सुरुचिपूर्ण बन जाता है। सुंदर शब्दों का चयन, व्याकरण की शुद्धता और वाक्य विन्यास की सुघड़ता निबंध को आकर्षक बनाती है।


भाषा की बात :-

1. संधि-विच्छेद करें –

शब्दसंधि-विच्छेद
संभावनासम् + भावना
अत्याचारअत् + आचार
अत्यावश्यकअत् + आवश्यक
दुग्धोत्पादनदुग्ध + उत्पादन
संस्कृतिसम् + कृति
सद्भावसत् + भाव
विश्वविद्यालयविश्व + विद्यालय

2. निम्नलिखित शब्दों से विशेषण बनाइए –

संज्ञाविशेषण
प्रतिभाप्रतिभाशाली
ज्ञानज्ञानवान
रचनारचनात्मक
संसारसांसारिक
प्रमाणप्रमाणिक
आनंदआनंदित

3. उद्गम की दृष्टि से शब्दों को वर्गीकृत करें –

शब्दउद्गम (मूल भाषा)
फिजिक्सअंग्रेज़ी
उलजलूलदेशज
ऊटपटांगदेशज
गालिबअरबी-फारसी
बेवकूफीअरबी-फारसी
कृषकसंस्कृत
संस्कृतिसंस्कृत

4. मुहावरों का अर्थ एवं वाक्य प्रयोग –

मुहावराअर्थवाक्य प्रयोग
भानुमति का पिटाराविविध और असंबंधित वस्तुओं का समूहरमेश का कमरा ऐसा है जैसे भानुमति का पिटारा हो, उसमें सब कुछ बिखरा पड़ा है।
रोब गालिब करनाप्रभाव जमाना / धौंस दिखानावह अपने जूनियर पर हमेशा रोब गालिब करता है ताकि वे डरते रहें।

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